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उज्जैन आए कमलनाथ ने कहा- हम धर्म की राजनीति नहीं करते
उज्जैन | नेताओं का धार्मिक स्थल पर जाने को इन दिनों राजनीतिक समीकरण से जोड़ा जा रहा है वहीं इसके विपरित कमलनाथ ने धर्म की राजनीति करने से इनकार किया है। महाकाल दर्शन के बाद एक सवाल के जवाब में नाथ बोले, मंदिर आने का कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। मैं पहले भी महाकाल मंदिर आता रहा हूं। सभी मंदिरों में जाता हूं। सिंहस्थ में भी उज्जैन आया था। छिंदवाड़ा में १०१ फीट का हनुमान मंदिर बनाया है, लेकिन हम इससे राजनीति नहीं करते।
बुधवार दोपहर जब कमलनाथ महाकाल मंदिर पहुंचे तो उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक थे। हर कोई नाथ के साथ मंदिर में प्रवेश करना चाहता था, इसके चहलते व्यवस्था गड़बड़ा गई और पुलिस व कार्यकर्ताओं के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। मंदिर परिसर में वह शोला पहनने गए तो वहां भी कार्यकर्ता और सुरक्षा बल के बीच तीखी बहस हुई। नाथ ने करीब १५ मिनट गर्भगृह में रहकर पूजन-अर्चन व शिवलिंग का अभिषेक किया। गर्भगृह में उनके साथ प्रेमचंद गुड्डू, जीतू पटवारी, महेश परमार, माया त्रिवेदी, रवि शुक्ला भी थे। नाथ जब बाहर निकले तो नंदी गृह समर्थकों की भीड़ से भरा हुआ था और धक्का-मुक्की जारी थी। मंदिर प्रशासन को उनका ठीक से स्वागत करने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं मिल रही थी। ऐसे में खड़े-खड़े ही उनका स्वागत-सम्मान हुआ। नाथ करीब ४५ मिनट मंदिर में रहे। इस दौरान दर्शन व्यवस्था बंद रही और आम श्रद्धालुओं को परेशानी झेलना पड़ी। मीडिया से चर्चा में उन्होंने बताया, महाकाल बाबा से मप्र के भविश्य, महिलाओं की सुरक्षा, युवाओं के रोजगार , किसानों की खुशहाली का आशीर्वाद मांगा है। नाथ जब शोक संवेदना व्यक्त करने क्षीरसागर स्थित बटुकशंकर जोशी के निवास पहुंचे तो वहां भी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई।
तपन और धक्के में भी सहज रहे नाथ
तेज गर्मी, समर्थकों की भीड़ और जगह-जगह धक्का-मुक्की के बावजूद कमलनाथ कहीं आक्रोशित नहीं हुए। मंदिर परिसर में वह नंगे पैर चले। उनके लिए तत्काल मैट बिछाई थी लेकिन कार्यकर्ता मेटिंग की जगह तपते फर्श से चलाकर नैवेद्य द्वार की ओर लाए, इस पर भी नाथ के चेहरे पर परेशानी के भाव नहीं आए।
मना करने के बाद भी एक घंटे स्वागत
सूत्रों के अनुसार कमलनाथ ने इस दौरे को पूरी तरह अनौपचारिक बनाते हुए समर्थकों को स्वागत करने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद उनकी नियुक्ति से उत्साहित समर्थकों ने हवाई पट्टी से महाकाल मंदिर तक २० से अधिक मंच बनाकर उनका जोरदार स्वागत किया। पूर्व सांसद गुड्डू समर्थकों ने कई जगह मंच बनाकर नाथ का स्वागत किया वहीं रुक्मिणी मोटर्स तिराहे पर जिपं अध्यक्ष महेश परमार समर्थकों ने अगवानी की। इसके अलावा मुकेश परमार, सोनू शर्मा, रामेश्वर पटेल, बहादुरसिंह पटेल, अशोक भाटी, आजाद यादव, भरत पोरवाल, दीपक मेहरे, नाना तिलकर, सुरेंद्र मरमट, हिमांशु जोशी, अंजु जाटवा, अनिल देवधरे, मानसिंह चौधरी, चैनसिंह चौधरी आदि ने अलग-अलग स्थानों पर स्वागत किया। नाथ इक्का-दुक्का मंच पर ही गए बावजूद उन्हें हवाई पट्टी से मंदिर तक पहुंचने में एक घंटा लग गया।
अब ११ को आएंगे सिंधिया, करेंगे सभा
सांसद व मप्र कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति संयोजक ज्योतिरादित्य सिंधिया के ११ मई को शहर आने की तैयारी है। प्रस्तावित कार्यक्रम अनुसार वह महाकाल दर्शन के बाद सामाजिक न्याय परिसर में किसान व युवा आक्रोश सभा लेंगे।
कार में बैठाने पर बहस, मंच टूटा
कमलनाथ हवाई मार्ग से दताना-मताना हवाई पट्टी पहुंचे थे। उनके स्वागत के लिए पहले से ही वहां बड़ी संख्या में नेता मौजूद थे। नाथ प्लेन से उतरे तो उन्हें अपनी-अपनी कार में बैठाने को लेकर नेताओं के बीच बहस हो गई। इधर स्वागत के लिए नागझिरी पर बना एक मंच भीड़ के दबाव से टूट गया। हालांकि कमलनाथ इस मंच पर नहीं चढ़े थे।